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Thursday, 9 August 2018

कछुए वाली अंगूठी क्यों कब और कैसे पहनी जाती है | Tortoise Ring

क्यों पहनी जाती है कछुए वाली अंगूठी
दोस्तों, ज्योतिष शास्त्र में अलग अलग रत्नों की अंगूठी, ब्रेसलेट और चेन पहनने और उनके फायदों के बारे में विस्तार से बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये रत्न हमारी कुंडली से जुड़े होते है और हमारे जीवन को सीधे सीधे प्रभावित करते है. लेकिन आजकल ज्योतिष शास्त्र में एक नए तरह की अंगूठी पहनने को कहा जाने लगा है और वो अंगूठी है कछुए वाली अंगूठी”.
कछुए वाली अंगूठी क्यों कब और कैसे पहनी जाती है
कछुए वाली अंगूठी क्यों कब और कैसे पहनी जाती है
अपने नाम के अनुरूप, इस अंगूठी का डिजाईन बिलकुल कछुए की तरह होता है और इसे वास्तुशास्त्र और ज्योतिषशास्त्र दोनों में बहुत शुभ माना जाता है. जो भी व्यक्ति इस कछुए वाली अंगूठी को पहनता है उसको सभी वास्तु दोषों से मुक्ति मिलती है और उसके ग्रह भी शांत होते है. लेकिन इस अंगूठी की सबसे ज्यादा ख़ास बात ये है कि ये आपके आत्मविश्वास को बढ़ाती है.

शास्त्रों के अनुसार कछुआ उन्नति और सकारात्मकता का प्रतिक है, समुद्र मंथन के दौरान खुद भगवान विष्णु भी कछुए के रूप में ही अवतरित हुए थे और उसी दौरान माता लक्ष्मी भी मंथन से निकली थी. यही सब वजहें कछुए को वास्तु शास्त्र में इतना अहम स्थान दिलाती है.
Tortoise Ring
Tortoise Ring 
आपने ऐसे कई उपाय सुने होंगे जिसमें माता लक्ष्मी और कछुए दोनों की एक साथ पूजा की जाती हैवो इसलिए क्योकि ऐसा करने से आपके जीवन में धैर्य, शांति, समृद्धि और निरंतरता आती है, साथ ही साथ आपको कभी धन की कमी भी नहीं होती.

लेकिन इस अंगूठी को पहनने से पहले कुछ सावधानियों को भी जरुर जान लें वर्ना आपको इस अंगूठी के नकारात्मक प्रभाव भी झेलना पड़ सकता है.

-    सबसे पहले तो ये जान लें कि कछुए की अंगूठी चाँदी की ही बनी होनी चाहियें. अगर आप इसे सोने या किसी अन्य धातु में बनवाना चाहते हो तो कम से कम कछुए को चाँदी में ही रखें.
क्यों पहनी जाती है कछुए वाली अंगूठी
क्यों पहनी जाती है कछुए वाली अंगूठी
-    इस अंगूठी को बनवाते वक़्त आपको ये भी ध्यान रखना होगा कि अंगूठी में कछुए का मुहँ पहनने वाले की तरफ ही हो. अगर मुहँ पहनने वाले की तरफ नहीं होगा तो धन आना तो दूर आपके पास जमा धन भी खर्च हो जाएगा.

-    इसके अलावा आप अंगूठी को सीधे हाथ में ही पहने और वो भी मध्यमा या फिर तर्जनी उंगली में. इस अंगूठी को धारण करने का सबसे अच्छा दिन शुक्रवार है क्योकि ये दिन माता लक्ष्मी का होता है और हो सके तो इसे शुक्रवार के दिन ही खरीदें.

-    इसको खरीदकर लाने के बाद आप इसे कुछ देर माता लक्ष्मी की तस्वीर के सामने रखें और फिर दूध से धोकर ही इसे पहने. इसको पहनने के वक़्त आप माता लक्ष्मी के बीज मंत्र का भी जाप कर सकते हो.
कछुए वाली अंगूठी पहनने की विधि और फायदे
कछुए वाली अंगूठी पहनने की विधि और फायदे
-    एक बार रिंग पहनने के बाद बार बार ना तो इसे घुमाएं और ना ही बार बार इसे निकालें.

तो दोस्तों आज हमने जाना कि आखिर क्यों, कब और कैसे कछुए वाली अंगूठी को पहना जाता है और ये कैसे हमारे आत्मविश्वास और धन में वृद्धि करती है. तो आप भी आज ही कछुए वाली अंगूठी को बनवाने का आर्डर दे दें और आने वाले शुक्रवार को बताये तरीके से अंगूठी धारण करें.


कछुए वाली अंगूठी क्यों कब और कैसे पहनी जाती है | Tortoise Ring

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